कुछ और कड़ियाँ...
मुख्य अभियुक्त Kim Davy कौन था? लोग सिर्फ हथियार गिराने वाला जानते हैं। लेकिन उसका एक अनोखा पहलू है। वो मुख्य रूप से हॉन्ग कॉन्ग के सोने और नशे का तस्करी करने वाले गैंग का पार्टनर था। वो 19 वर्ष की उम्र से ही ये गैंग चला रहा था... फिर अचानक से उसका दिल बदल गया (पचा सकते हैं तो पचा लीजिये) और वो सुधर गया। उसके मन में गरीबों पिछड़ों के लिए काम करने का सत्कर्म जाग उठा। उसने एटलस उठाया और संयोग से भारत के सबसे गरीब इलाके पश्चिमी बंगाल पर नज़र पड़ी... उसने तस्करी छोड़ दिया और एक NGO को ज्वाइन कर लिया... कहते हैं कि इस NGO ने ही उसको सुधारा था (पचा नहीं तो हाजमोला लीजिये)... और वो उसको भूखे नंगों की सेवा कराने भारत ले आयी। इस NGO ने उसको पश्चिमी बंगाल के पुरुलिया में काम पर लगाया - जहाँ उसने बहुत अच्छा काम किया जिससे खुश होकर NGO ने उसको पूरे बंगाल में काम दे दिया... ..... तो जनाब सुनिए वो प्यारी NGO है... GREENPEACE... बढ़िया स्टोरी कुक किया गया था एक तस्कर को भारत में रेकी कराने के लिए... बाद में NGO आराम से कह सकती है कि हमने तो सुधार दिया था बन्दा... हमको उसके बैकग्राउंड से क्या... पाँच साल भारत में रहकर उसने काम किया। एक अंतर्राष्ट्रीय तस्कर भारत में रह रहा है ये अपने ख़ुफ़िया विभाग को पता ही नहीं चला... वो इतना ताकतवर हो गया कि जहाज लेकर आराम से देश में आ जाता था और उसके लिए राडार बंद कर दिए जाते थे... हमारी सरकार और अन्य विभाग का इस सब में कोई हाथ नहीं वो मासूम हैं - निर्दोष, निष्पाप और निष्कलंक गोमुख से भरे गंगा जल जैसे... और ये जनता कितनी बड़ी मूर्ख है ये भी सबको मालूम है...
खैर आगे बढ़ते हैं - हथियार गिराने ने बाद वो कलकत्ता आये तेल भराया व सकुशल भारत से निकल गए उसी जहाज़ से थाईलैण्ड। वहाँ दो दिन दारू पिया, मसाज वगैरह कराया और लौटने लगे उसी जहाज़ से।आराम से चेन्नई आये जहाज़ refuel कराया। उसके बाद मुम्बई की तरफ चल पड़े और बस उधर ही गलती कर दी। उन्होंने हवा में रास्ता बदल दिया जो भारतीय वायु सेना के राडार पर आ गया और वायुसेना ने जबरदस्ती मुंबई में उतार दिया। चूँकि असल काम हो चूका था और राडार बंद नहीं कराया गया था इस बार जैसा कि हथियार लाते समय कराची से उड़ने के बाद राडार बंद करा दिए गए थे तो गलती से धरा गए।
अब आगे कुछ और हाजमे की दवाई की जरूरत पड़ सकती है आप को... वो जहाज़ वायुसेना ने उतारा उससे Kim Davy भाग गया तुरंत। वो बोलता है कि दिवार फांद के भाग गया ..वहां से पूना गया, दिल्ली फिर दरभंगा - नेपाल होते हुए डेनमार्क आ गया। मतलब वायुसेना केचंगुल से AAI के लोगों के बीच सेे हवाई अड्डे की दीवार कूद के भाग गया... अगर पच रहा है तो ठीक, वरना समझ लीजिये कि भगा दिया गया... Kim Davy का कहना है कि उसने आनंदमार्गी लोगों को वामपन्थियों से लड़ने के लिए हथियार गिराया था और केंद्र सरकार ये करना चाह रही थी। सांसद पप्पू यादव के पिताजी बड़े अनादमार्गी हैं। Jim Davy कहता है कि उसको भागने में पप्पू यादव ने ही मदद किया। उधर दुसरे आरोपी Peter Bleach का कहना है कि मुंबई में लैंड होने के चंद मिनट में ही बड़े CBI अधिकारी वहां पहुँच गए और फिर कलकत्ता भी जाके केस संभाला जबकि केस किसी और अधिकारी को देखना था क्योंकि वो इंचार्ज थे। लेकिन इसको सुपरसीड करके बड़के अधिकारी ने केस संभाला। बड़के अधिकारी उस समय NSG के भी निदेशक थे। जबकि बड़के अधिकारी का कहना है कि न वो मुंबई गए और न वो कलकत्ता गए। अन्य क्रू मेंबर भी कहते हैं कि वो उधर आये थे.... चलो पचा लेते हैं... चूँकि वो सब चोर थे तो झूठ बोल रहे हैं और बड़के अधिकारी साहब कोतवाल थे तो सच बोल रहे हैं।
हथियार किस देश से आये? सोचिये... इस घटना मे जो हाथियार गिराए गए वो दुसरे कांड के एवज में एक सौदा था?... AK 47 जो भी भारत officially लेता था उस समय वो Czech Republic में बनी होती थी। जो हथियार पुरुलिया में गिराए गए वो Czech Republic में बनी AK 47 से ज्यादा सटीक थी और इसके कुंडे ज्यादा मजबूत थे और वजन ज्यादा था। पुरुलिया रायफल में से कुछ बंगाल पुलिस के कमाण्डो दिया गया था और इसका उपयोग वो जंगलमहल में माओवादियों के खिलाफ इस्तेमाल करती थी। एक इंटरव्यू में पुलिस के एक अफसर ने कह दिया कि ये हथियार ओरिजिनल रूसी हैं। इसी अफसर ने माओवादी नेता मलाउजुला कोटेश्वर राव उर्फ़ किशनजी को ठिकाने लगाया था... वही हथियार उसके पास भी मिले थे... मतलब ठीक वैसे ही...
इस मामले में जितना रिसर्च करो उतना ही दिमाग चकरघिन्नी बन जाता है... डॉक्यूमेंट डाउनलोड करना, पढ़ना... उफ़... जाने देते हैं... इसपर दुनिया चुप है... अब हम भी चुप हो जाते हैं... यही ठीक रहेगा... वैसे इस पर Chandan Nandy की किताब है "The night it rained guns"... पढ़ने का मन हो पढ़ लीजिये... कुछ ख़ास नहीं पता चलेगा... दिमाग का कीमा बन जाएगा कई प्रश्न और उठ खड़े होंगे... इस पर जर्मन फिल्म मेकर Andreas Koefoed ने एक फिल्म बनाई "The Arms Drop" ये भारत में रिलीज़ नही हुई... ये भारत में बैन है... इसमें भी मेरे ख़याल से कुछ नहीं मिलेगा, खामखा में भारत सरकार ने बैन किया है कहीं से डाउनलोड करने पर भी...
Kim Davy छँटा हुवा बदमाश है... भारत आने पर भी कुछ नहीं पता चलने वाला... लेकिन उसको मालूम सब है... वो राज अपने सीने में लेके मरेगा... और अनंत काल तक जन मानस सस्पेंस लेकर मरेगा... जय हो... मेरा भारत महान... सचमुच कांग्रेस और वामपंथी महान पार्टी है... आप ये भी सोचिये जो आर्म ड्राप पकडे नहीं जा सके हैं... सोचते रहिये या काम पर चलिए...
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