मुसलमान अक्सर 'इस्लाम' की डींगे हाँकते फिरते हैं कि यह एक पाक मजहब है, जबकि सच्चाई यह है कि इस्लाम ही दुनिया का वह एकमात्र मजहब है जिसमें अपनी बहू के साथ बलात्कार करना जायज माना जाता है ।
इस्लामिक कानून (शरिया) के मुताबिक यदि एक मुस्लिम स्त्री का बलात्कार उसका ससुर करता है तो ससुर उसका पति माना जायेगा और उस औरत का पति उसका बेटा।यह आधारित है पिगम्बर मोहम्मद द्वारा अपनी बहू ज़ैनब से सेक्स करने पर। यहाँ ये बात भी ध्यान देने योग्य है कि ज़ैनाब मोहम्मद की सगी बुआ की बेटी थी।
ऐसा ही एक केस उत्तर प्रदेश में 2005 में दुनिया के सामने आया। पाँच बच्चों की माँ इमराना (28) का उसके ससुर अली मोहम्मद (69) ने कई दिन तक बलात्कार किया। इमराना ने अपने पति नूर इलाही को इसकी जानकारी दी, नूर इलाही ने अपने पिता के खिलाफ शरिया पंचायत बुलवाई जिसमें इस्लाम के बड़े-बड़े विद्वानों ने पंच के रूप शिरकत की।
शरिया पंचायत ने इस्लामिक कानूनों के आधार पर फैसला दिया कि इमराना अब से अली मोहम्मद की बीबी घोषित की जाती है और नूर इलाही इमराना का बेटा। शरिया पंचायत ने आगे फरमान सुनाया कि नूर इलाही को इमराना को तलाक देना होगा, नूर को अपने बेटा स्वीकार करना होगा और इमराना के पेट में अली मोहम्मद का बेटा पल रहा है जिसे लिहाजन नूर इलाही को अपना भाई मानना पड़ेगा।
शरिया के इस अजीबोगरीब फैसले को मानने से इमराना ने मनाकर दिया और पुलिस थाने में अपने ससुर के खिलाफ बलात्कार का मुकद्दमा दर्ज कराया।
मामला मीडिया में आने के कारण चर्चित हो गया।
इसी बीच भारत में इस्लामिक कानूनों की सबसे बड़ी संस्था दारूल उलुम दिओबन्द ने एक फतवा जारी किया जो कुरान के अध्याय 4 सूराह अन-निसा की आयत संख्या 22- "वा ला तनकी हू मा नकाहा अब्बा औ कुम" पर आधारित था। इस फतवे के अनुसार इमराना को आदेशित किया गया कि वह ससुर को अब से अपना पति माने और अपने पति को अपना बेटा समझे। पूरे देश के मुसलमानों ने फतवे का समर्थन किया। बाद में सेशन कोर्ट में इमराना का ससुर बलात्कार का आरोपी सिद्ध हुआ।
कोर्ट के फैसले से मुसलमानों में खासी नाराजगी फैल गई क्यों कि यह जगजाहिर के कि भारत का मुसलमान देश की न्यायपालिका को अपनी इस्लामिक शरिया से ऊपर नहीं मानता है। मुस्लिम लेखकों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों ने भी बलात्कार पीड़ित इमराना का साथ देने के बजाय शरियत का साथ दिया।
सितम्बर 2014 में उत्तर-प्रदेश में एक ऐसा ही मामला फिर से सुर्खियों में आया जब एक ससुर द्वारा बलात्कार पीड़िता बहू शरिया के अनुसार ससुर की पत्नी बना दी गई और उसका पति उसका बेटा बना दिया गया। इन केसों से सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न दुनिया के सामने अपना जवाब माँगने निकलकर सामने आया वो ये है कि--
आखिर इस्लाम में बहू का बलात्कार करना अपराध न होकर उपहार क्यूँ है..?? बलात्कारी को दण्ड देने की अपेक्षा उसे दूसरे की बीबी देकर सम्मानित क्यों किया जाता है..?? आखिर बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य से पीड़िता को इंसाफ क्यूँ नहीं मिलता..??
इन सभी प्रश्नों का जवाब 1400 साल लम्बे फ्लैश बैक में जाने से मिलेगा, जब इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद रसूल का ईमान अपने बैटे जैद की पत्नी जैनब पर खराब हो गया था। जैद की अनुपस्थिति में एक दिन मुहम्मद ने जैनब को नंगा देख लिया था ।
फिर मुहम्मद ने अल्लाह का फरमान बताकर लोगों का मुँह बन्द कर दिया और जैनब को अपने कपोलकल्पित अल्लाह का डर दिखाकर विवश कर दिया कि वह उसको अपना पति माने और जैद को अपना बेटा।
यह घटना बाद में एक आयत के रूप में कुरान के अध्याय 4 सूराह अन-निसा में 22वीं आयत के रूप में दर्ज कर ली गई और इसी के आधार पर दारूल उलूम दिओबन्द ने इमराना रेप केस पर फतवा जारी किया।
तब से इस्लाम में यह कुकृत्य एक आसमानी आयत (33:37) के रूप में जायज माना जाने लगा। अरब में मुहम्मद और उसके बाद के तात्कालिक समय में यह बलात्कार जायज माने जाने लगे। आप अंदाजा लगाइये कि दुनिया भर में तब से आज तक इस घिनौने मजहब में न जाने कितनी इमरानाओं की इज्जत लूटी गई होगी और न्याय के नाम पर उन्हे अपने बलात्कारियों की पत्नी बनना पड़ा होगा।
अरब की इस शर्मसार कर देने वाली इस परम्परा (33:37) का पालन करते-करते मुसलमानों के सामने एक बड़ी विडम्बना खड़ी हो जाती है कि यदि किसी ससुर द्वारा बलात्कार को गलत मानने पर इनकी आयत 33:37 गलत सिद्ध हो जाती है, क्यों कि ससुर द्वारा बहू के बलात्कार को बलात्कार मानने से इनके मुहम्मद के पैगम्बर होने पर प्रश्न चिन्हृ लग जाता है और जबरदस्ती मजहब के रूप में खड़ा किया गया समूचा इस्लाम खतरे में पड़ जाता है। इसलिए यह बलात्कार जैसे अपराध को भी जायज मानने लगते हैं।
यदि कोई इस जायजता की आलोचना करे तो यह फटाफट झगड़ा करने या मार-पीट पे उतारू हो जाते हैं या दूसरों के धर्म में मीन-मेख निकालने लगते हैं। ऐसा करना मजबूरी है इनकी वरना इनके द्वारा खडे किये इस मजहब की सेक्स विकृति की सारी सच्चाई सामने आ जायेगी।
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