शनिवार, 3 जून 2017

पुरुलिया हथियार काण्ड – 2

पुरुलिया हथियार काण्ड के तार ::: ये भारत और विश्व के लिए बड़ा रहस्य है... एक जहाज भारत के पुरुलिया में 4 टन हथियार गिरा देता है जिसमे होते हैं AK47 रायफल (2500), 15 लाख राउंड गोलियां और 400 राकेट लॉन्चर... ये हथियार पकड़ लिए जाते हैं लोकल पुलिस के द्वारा... इसके कुछ तथ्य और प्रश्न... 

1. ये जहाज़ कहीं से पहले कराची आता है। ये जहाज पाकिस्तान की ISI की कंपनी से कब्जे में maintenance के बहाने चार दिन रुकता है। फिर वो जहाज़ कराची से बनारस आके रुकता है। बनारस में कई घंटे वो ईंधन डलवाने के लिए रुकता है। वहाँ पर काफी सारा सामान उतारा जाता है... वो सब सामान कहाँ और किसके हवाले किया गया?

2. हथियार के सौदागर Peter Bleach का कहना हैं कि जब उसके साथ Kim Davy ने हथियारों का सौदा किया तो उसको हथियारों के डिलीवरी के तरीके पे संदेह हुवा और उसने ये बाद ब्रिटिश पुलिस को बताया। जिसने ये बात ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 को बताया। MI5 के ये जानकारी भारत सरकार को तीन बार बताया - 15 November, 17 November and 15 December, 1995 पहले दो नोटिस पे कोई कार्यवाही नहीं हुई। 15 दिसंबर को भारत सरकार ने ये जानकारी पश्चिमी बंगाल सरकार को चिट्ठी लिखा और रजिस्टर्ड पोस्ट से भेज दिया (Fax, Telegram, phone पर कुछ नहीं बताया) जब पश्चिम बंगाल सर्कार एक हफ्ते बाद चिट्ठी मिली तब तक हथियार गिराए जा चुके थे। 

3. Kim Davy का साफ़ कहना है कि वो पकडे जाने के बाद मुंबई से भगा दिया गया... वो पुणे-दिल्ली-दरभंगा होते हुए हुए नेपाल गया। वहां से डेनमार्क भाग गया। ये सब पप्पू यादव ने कराया, इस दौरान वो भारत सरकार के लाल बत्ती वाली गाड़ियों और SPG सुरक्षा में रखा गया था। 

4. किसने जहाज को पकडे जाने से बचाने के लिए जगह जगह भारतीय वायुसेना के राडार बंद करा दिए थे। 

5. Peter Bleach ने बताया कि उस समय केस इन्वेस्टीगेशन कर रही CBI ने केस को कमजोर कर दिया। उसने 30 पन्नो का बयान लिखित में CBI को दिया था जिसको CBI ने अदालत में पेश ही नहीं किया। 

6. Kim Davy उधर डेनमार्क में बैठ कर प्रेस वार्ता करता था, इंटरव्यू देता था, फिल्म और वीडियो रिलीज़ कर रहा था, इधर CBI कोर्ट को गायब बता रही थी। 
7. CBI के अधिकारी कई बार इंग्लैंड गए और MI5 और MI6 के लोगों के साथ मिलकर केस फाइल कमजोर करते रहे। 

8. कहा गया कि सारा हथियार वामपन्थियों के खिलाफ लड़ाई के लिए आये थे लेकिन वामपंथी पार्टियों ने कभी इसपर कोई क्रांति नहीं किया। 2.5 वर्ष केंद्र की सत्ता में भागिदार रहे (गौड़ा और गुजराल) फिर उसके बाद 5 साल कांग्रेस की अगुवाई वाले UPA की सरकार को समर्थन दिया लेकिन केस के मामले में कोई कदम नहीं उठाया। 2011 में एक TV के बहस में जयंती नटराजन और वृंदा करात ने वाजपेयी सरकार और भाजपा पर सवाल उठाए जबकि काण्ड के समय दोनों जगह इन लोगों की सरकार थी… वामपंथियों और कांग्रेस का ये रिश्ता क्या कहलाता है? इस बहस में दोनों ने एक दुसरे को खूब समर्थन दिया... बहस को पुरुलिया से वाजपेयी की तरफ मोड़ने की कोशिश की जिनके शासन के समय अपराधी बच गए और Peter Bleach को राष्ट्रपति से अभयदान मिला। इनके लॉजिक को Peter Bleach ने वही भोथरा कर दिया जब उसने बताया कि सारे अपराधी न्यालालय द्वारा छोड़े गए थे और उसको भी अभयदान देने के कारण कैसे बना... फिर दोनों नेत्रियां एक साथ चिल्लाने लगीं... Peter Bleach ने कहा CBI को छोड़ के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश का एक सदस्य कमिटी बना के जांच करा लो तो 6 माह में सारा मामला खुल जाएगा। जयंती नटराजन ने साफ़ मना कर दिया और वृंदा करात ने कहा प्रपोजल आएगा तो सोचेंगे…. ये मिलीभगत क्या कहलाता है? 

9. जब ये हथियार आनदमार्गियों को मिलने थे पुरुलिया में तो बनारस में खेप किसने लिया?
10. कहीं ये हथियारों की खेप की सप्लाई आपसी मिली भगत तो नहीं थी और आनंदमार्गी के कंधे पर इसको ठेला जा रहा था?

11. Peter Bleach बार बार कहता रहा कि ब्रिटिश ख़ुफ़िया और भारत ख़ुफ़िया इस पर नोट्स एक्सचेंज करते रहे तो फिर क्या ये काम केस कमजोर करने के लिए हुवा जिससे सारे अपराधी बचा लिए जाएं। उसने कहा कि वो जहाज पर हथियार डिलीवरी कराने के हैसियत से था और उसको आश्वत किया था MI6 ने कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां जहाज़ को बनारस में पकड़ लेंगी और वो बचा लिया जाएगा। Kim Davy ने साफ़ कहा था कि डील के अनुसार उसको पकडे जाने पर तुरंत बचा लिया जाएगा।... जब जहाज को वायु सेना ने मुंबई में लैंड करने को मजबूर किया तो दिल्ली के CBI के अधिकारी वहां पहले से मौजूद थे। और वो बच कर भाग गया-भगा दिया गया। किसने वहां अधिकारियों को भेजा था? 

12. वायु सेना के राडार को बंद कराने का ताकत रखने वाला वो कौन था? 

13. इस पूरे केस में कराची और ISI कनेक्शन को पूरी तरह गायब कर दिया गया?... ISI से मदद का जाल और पाकिस्तान को पूरे फ्रेम से गायब करने का किसके इशारे पर खेला गया...

14. पूर्व CBI निदेशक जोगिन्दर सिंह ने राष्ट्रीय चैनल पर स्वीकार किया कि इस केस में राजनैतिक दबाव था रफा दफा करने का- कौन लोग थे जिनका दबाव था?
इस पूरे केस में भारत की सुरक्षा के साथ बहुत बड़ा खेल खुद अंदर के ताकतवर लोगों ने खेला... मेरे मन में जागे प्रश्न के अनुसार क्या ये पहली और आखरी खेप थी?... अन्तः मन तो कहता है कि ये वो खेप थी जो पकड़ी गयी... पता नहीं ये खेपों का खेल कितनी बार खेला जा चूका होगा .... क्रमशः....
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