शनिवार, 20 मई 2017

किसी भी देश का इस्लामीकरण कैसे होता है ?

  • मुस्लिम आबादी दर हर गैर इस्लामिक देश में गैर मुसलमानों की तुलना में दुगनी रफ़्तार से बच्चे पैदा करते हैं। जिससे अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाती हैं।
  •  मुस्लिम आबादी पढ़ाई लिखाई में कोई रूचि नहीं रखती। अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आये ना आये कुरान जरुर बच्चों को पढ़ाई जाती है।
  •  मुस्लिम जो व्यवसाय करते हैं वो भी समाज हित के नहीं होते। जैसे बड़े व्यवसायी जो टेनरी चलाते हैं उसकी गंदगी नदियों में बहाते हैं जिस से पानी में आर्सेनिक जैसे जहर की मात्रा बढ़ती जाती हैं।
  • मुस्लिमों की गोस्त की दुकानें आसपास बिमारियाँ लाती है। जानवरों की हत्या अन्न-जल संकट का प्रमुख कारण है।
  • जहाँ मुस्लिम अधिक होते हैं वह संगठित तरीके से रहते हैं और आसपास किसी गैर मुस्लिम को बसने नहीं देते। 100 हिन्दुओ के बीच एक मुस्लिम रह सकता है पर 100 मुसलमानों के बीच हिंदू नहीं रह सकता। 
  • मुस्लिम संगठित होने की वजह से गैर मुसलमानों से बेवजह झगड़ा करते हैं, अगर आस पास उनकी संपत्ति होती है तो उस पर कब्ज़ा कर लेते हैं जैसा की कश्मीर में हुआ।
  • परिवार में अधिक सदस्य होने से और अशिक्षित होने से छोटे संगठित अपराध करते हैं। जैसे की अनाधिकृत कब्जे, बिजली चोरी, नशीले पदार्थो का धंधा करते हैं।
  • ये छोटे अपराधी जल्द ही बड़े अपराधियों से जा मिलते हैं और ये बड़े अपराधी भी कभी ना कभी उन्हीं मुस्लिम बस्तियों से निकल कर आये होते हैं। टाइगर मेनन और दाउद इब्राहिम कासकर और ना जाने कितने अपराधी ऊपर उठे।
  • बड़े अपराधी देश की अर्थ व्यवस्था को बिजली चोरी या अतिक्रमण की तरह छोटा मोटा नुक्सान नहीं पहुचाते बल्कि हजारों करोड़ों का नुक्सान पहुचाते हैं। जैसे स्टाम्प घोटाले व हवाला कांड का प्रमुख अब्दुल करीम तेलगी 10, 000 करोड़ व हसन अली 36, 000 करोड़ इत्यादि रकम कमाते हैं और इसे इस्लामिक मुल्कों से गैर इस्लामिक देशों में आतंक हत्या के लिए हथियार प्रशिक्षण पर प्रयोग किया जाता है।
  • वे मुस्लिम जो काफ़िर देश में किये गये अपराध लूटपाट को धार्मिक कृत्य मानते हैं वे और भी तरीको से मुस्लिम लड़के गैर-इस्लामिक देश में जंग के लिए तैयार करते हैं। उनमे से एक सरलतम रास्ता जेहाद का है काफ़िर का क़त्ल हर मुस्लिम पर अनिवार्य हैं।
  • कुरान पढ़े बेरोजगार लड़के जेहाद के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं बल्कि अपना सौभाग्य समझते हैं और इस्लामिक देशों में मौजूद अपने रहनुमाओं की मदद से जेहादी बनते हैं।
  • ये जेहादी देश में समय समय पर बम विस्फोट सामूहिक हत्यायें वा दंगे करते हैं। दंगों को कुछ लोगों की शरारत कहा जाता है जबकि बम विस्फोट पर कहा जाता है कि इसका इस्लाम और मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं जबकि दोनों ही जेहाद अर्थात धर्म युद्ध का हिस्सा है।
  • यदि गैर इस्लामी कौमे संगठित होकर धर्मं युद्ध का जवाब देती है तो मुस्लिम जोर जोर से हल्ला करना चालु करते हैं के हम पर जुल्म और अत्याचार हो रहा हैं, हम सुरक्षित नहीं इस मुल्क में।
  • मुसलमानों के संगठित होने की वजह से और हमलावर होने की वजह से नास्तिक राजनैतिक दल मुसलमानों का पक्ष लेने में ही अपनी भलाई समझते हैं जैसे की भारत में काँग्रेस, समाजवादी, कम्‍युनिस्ट दल इत्यादि। 
  • क्योंकि इन दलों का धर्म से, संस्कृति से कोई लेना देना नहीं होता और मुस्लिम समर्थन मिलने पर इन्हें सत्ता का और लालच आ जाता है ये मुस्लिम आबादी के बढ़ने में और सहायता करते हैं उनके हर काम में चाहे वो गलत हो या सही, साथ देते हैं।
  • बांग्लादेश से आये 4 करोड़ मुस्लिमों को काँग्रेस ने ना केवल बसाया अपितु उनको जिस कानून (आई। एम. टी. डी. एक्ट) की सहायता से निकाला जा सकता था उसे भी खत्म कर दिया।
  • आतंकवाद के खिलाफ कानून (पोटा एक्ट) बनाना तो दूर रहा, जो कानून था उसको भी खत्म कर दिया।
  •  मुस्लिम नाराज ना हो इसलिए जेहादियों को उच्चतम न्यायालय से दी हुयी को सजा को भी रोके रखते हैं… जैसा कि काँग्रेस ने अफजल गुरु की फाँसी रोक रखी है।
  • गैर मुस्लिमों के इस कथित सेकुलर वर्ग की इस मूर्खता से मुस्लिम खुश होते हैं और और तेजी से आबादी बढ़ाने का उपाय सोचते हैं।
  • इन उपायों में गैर मुस्लिम सम्प्रदायों की लड़कियों को प्यार के झूठे जाल में फंसाना होता है और उनसे बच्चे पैदा करने होते हैं इन्हें लव जेहादी कहते हैं।

  • अगर ये लव जेहादी 3-4 हिंदू या ईसाई लड़कियों को जिन्हें ये वर्गला-फुसला के भगा लायें थे, खिला (वहन) नहीं कर पाते हैं, तो भोग करने के बाद किसी अधेड़ उम्र के मुस्लिम को बेच देते हैं अधिकतर वह मुस्लिम बदसूरत ही होते हैं इसीलिए उन्हें इस उम्र तक औरतें नहीं मिल पाती। 
  • मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ-साथ छोटे-छोटे इस्लामिक क्षेत्रो का भी निर्माण करते हैं। जैसे हिंदू इलाके में अधिक दामों पर कोई एक इमारत खरीद कर लेते हैं और फिर वहा बड़े मुस्लिम परिवार बसा दियें जाते हैं।
  • ये मुस्लिम लोग आसपास लोगो से आये दिन झगडा करते हैं और धीरे-धीरे पड़ोसियों को अपने घर सस्ते दामों पर किसी मुस्लिम को ही बेचने को मजबूर कर देते हैं इस प्रकार इनकी एक मकान पर खर्च की गयी अतिरिक्त रकम से कही अधिक मुनाफा निकल आता है।
  • मुसलमानों की मस्जिद अक्सर शहर के बीचों-बीच होती है ताकि किसी तरह की व्यवस्था बिगड़ने पर मीनारों की आड़ से पुलिस को देख सके। और जरुरत पड़ने पर खुद पुलिस व्यवस्था पर हमला कर सके।
  • छोटी मुस्लिम बस्तियाँ ना केवल संगठित होती है अपितु हमलावर लोगों से भरी होती हैं। हर घर में देसी तमंचे मिलना सामान्य बात होती हैं।
  • भारत में नव-निर्मित मुस्लिम बस्तियाँ अक्सर या तो राजमार्गों के किनारे होती है या ट्रेन लाइनों के किनारे। राजमार्गों के किनारे बनी मजारों में जिनमें से अधिकतार कुत्ते बिल्लियों की या खाली ही होती है हथियार छुपाये रहने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जाता।
  • यदि गैर-इस्लामिक देश के अगल-बगल में इस्लामिक देश है तो समय-समय पर इस्लामिक देश हमला करते रहेंगे जैसा की भारत का पड़ोसी पाकिस्तान करता रहता है।
  • ऐसे पड़ोसी इस्लामिक मुल्क प्रत्यक्ष जीत ना पाने की स्थिति में छद्‌म युद्ध प्रारंभ करते हैं। गैर इस्लामिक मुल्क में मौजूद मुस्लिमों की मदद लेते हैं इस्लामिक एकता के नाम पर।
  • आबादी में 30 प्रतिशत तक पहुचने पर समय आ जाता मुस्लिमों के लिए के वो काफ़िर देश पर कब्ज़ा कर ले क्योंकि संगठित 30% मत किसी भी लोकतान्त्रिक देश में काफी है सरकार बनाने के लिए या ग्रह युद्ध के माध्यम से कब्ज़ा करने के लिए ।
  • इस सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता के मुस्लिम पड़ोसी देश के साथ मिल जाये और बाहर से हमले के समय अंदर से भी हमला कर दे। युद्ध के समय रेल लाइन उखाड़ दे, तेल पाइपलाइन तोड़ दे राज मार्ग जाम कर दें इत्यादि ताकि सेना को समय पर रसद ना मिले और वो हार जाये।
  • सेना के हारते ही विदेशी मुस्लिम गैर-इस्लामिक देश में आ जायेंगे और योगदान के अनुसार देसी मुस्लिमों को सत्ता में हिस्सेदारी दे देंगे क्यों की उनकी जीत में उनका भी बड़ा योगदान होगा। 
  • देश को दारुल हरब से दारुल इस्लाम घोषित कर दिया जायेगा। यानि गैर इस्लामिक देश इस्लामिक देशों में से एक हो जायेगा। गैर इस्लामिक देश में क्या क्या होता है ये हमें लिखने की जरुरत नहीं फिर भी हम आगे के लेख में बताएँगे।

लेख समीक्षा : आप उपरोक्त लेख पढ़ कर समझ ही चुके होंगे की भारत इस्लामिक देश बनने की कगार पर हैं। सबसे मूल करण मुस्लिम आबादी का हिन्दुओं, ईसाइयों और अन्य सभी से दोगुनी रफ़्तार से बढ़ना है। इसका दूसरा प्रमुख कारण है भारत का फर्जी सेकुलरवाद जो भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की ओर अग्रसर है। आप ये कहे सकते हैं के घोटाले अपराध भ्रष्टाचार में तो हिंदू भी आगे है तो मुस्लिमों को दोष क्यों देना।

हमारा उत्तर है के हिंदू भ्रष्टाचार कर के हथियार नहीं खरीदते, ना ही उन हथियारों से वो पाकिस्तान में बम विस्फोट करते हैं ना ही राष्ट्र का ख्याल ना कर के आबादी बढ़ाते हैं।
मुस्लिम हर कदम अपनी कौम को ध्यान में रख के उठाते हैं और उनका अंतिम लक्ष्य होता है देश का इस्लामीकरण जबकि भ्रष्ट हिंदू को हिंदू राष्ट्र से कोई लेन देना नहीं !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें